December 8, 2023

द्वादश(12) शिव ज्योतिर्लिंग

शिव, महादेव दुष्टों का नाश करने वाले, इन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है लेकिन अंततः सर्वोच्च। शिव का ज्योतिर्लिंग हिंदुओं में अत्यधिक पूजनीय है। ज्योतिर्लिंग एक ऐसा मंदिर है जहाँ ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है। ज्योतिर्लिंग, सर्वशक्तिमान का दीप्तिमान चिन्ह (phallus प्रतीक) है। ‘ज्योति’ शब्द का अर्थ है प्रकाश और ‘लिंग’ का अर्थ है हस्ताक्षर या प्रतीक।

 ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रकाश है।


हिंदू धर्म में पुराणों के अनुसार, शिवाजी 12 अलग-अलग स्थानों पर शिवलिंग के रूप में स्थापित हैं और इन स्थानों को भारत में ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है। 

  1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
  2. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
  3. त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग
  4. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
  5. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
  6. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
  7. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
  8. ॐकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
  9. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
  10. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
  11. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
  12. रामेश्वर ज्योतिर्लिं

बाबा बैद्यनाथ मंदिर @Deoghar Jharkhand

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, जिसे आमतौर पर बैद्यनाथ धाम के रूप में भी जाना जाता है, भगवान शिव का सबसे पवित्र निवास माना जाता है। झारखंड के देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग @Bhimashankar Maharashtra

श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर के गर्भग्रह के सामने नंदी महाराज एवं कच्छप देव विराजमान हैं।

काशी विश्वनाथ @Varanasi Uttar Pradesh

विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में स्थित है। भगवान शिव का यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में गंगा नदी के तट पर स्थित है। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

केदारनाथ @Kedarnath Uttarakhand

केदारनाथ मंदिर, भारत के उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गढ़वाल हिमालय श्रृंखला पर स्थित है। केदारनाथ भारत के सबसे प्रतिष्ठित और पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है।

महाकालेश्वर @Ujjain Madhya Pradesh

केदारनाथ मंदिर, भारत के उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गढ़वाल हिमालय श्रृंखला पर स्थित है। केदारनाथ भारत के सबसे प्रतिष्ठित और पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग @Srisailam Andhra Pradesh

श्रीशैलम मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर, श्रीशैलम शहर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर के लिए प्रसिद्ध है

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग @Dwarka Gujarat

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग नागों के ईश्वर रूप में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह गुजरात के द्वारका धाम से 17 किलोमीटर बाहरी क्षेत्र की ओर स्थित है।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग @Somnath Gujarat

द्वादश(12) शिव ज्योतिर्लिंग

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत के बारह(12) आदि ज्योतिर्लिंगों में से सबसे प्रथम है। सोमनाथ मे सोम का अर्थ है चंद्र देव (चंद्रमा), तथा नाथ का अर्थ भगवान है।

त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग @Trimbak Maharashtra

श्री त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग तीन छोटे-छोटे लिंग ब्रह्मा, विष्णु और शिव प्रतीक स्वरूप, त्रि-नेत्रों वाले भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ।
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥1
श्रीशैलशृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्गेऽपि मुदा वसन्तम् ।
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ॥2

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् ।
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥3

कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय ।
सदैवमान्धातृपुरे वसन्तमोङ्कारमीशं शिवमेकमीडे ॥4

पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम् ।
सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि ॥5

याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये विभूषिताङ्गं विविधैश्च भोगैः ।
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये ॥6

महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः ।
सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे ॥7

सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरितीरपवित्रदेशे ।
यद्धर्शनात्पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे ॥8

सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यैः ।
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि ॥9

यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च ।
सदैव भीमादिपदप्रसिद्दं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि ॥10

सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम् ।
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये ॥11

इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम् ।
वन्दे महोदारतरस्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणम् प्रपद्ये ॥12

ज्योतिर्मयद्वादशलिङ्गकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण ।
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च ॥13
॥ इति द्वादश ज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रं संपूर्णम् ॥